Saturday, January 13, 2007

मदिरालय जाने को घर से चलता है पीनेवला,
'किस पथ से जाऊँ?' असमंजस में है वह भोलाभाला,
अलग-अलग पथ बतलाते सब पर मैं यह बतलाता हूँ -'
राह पकड़ तू एक चला चल, पा जाएगा मधुशाला।'।